एमपी-यूपी बॉर्डर पर बेरोक-टोक निकाले जा रहे लोग, स्क्रीनिंग के नाम पर बगैर सेनेटाइज किए कई लोगों को लगाया पल्स ऑक्सीमीटर

 



भिंड। कोरोना संक्रमण को लेकर देशभर में किए गए लॉक डाउन को भिंड जिले में काफी हल्के में लिया जा रहा है। एनएच-92 की भिंड इटावा रोड पर चंबल नदी के दोनों ओर एमपी और यूपी पुलिस ने बॉर्डर नाके लगाए। लेकिन दोनों ही नाकों पर लोगों को रोकने की सिर्फ खानापूर्ति नजर आई। सीमावर्ती इटावा जिले के बढ़पुरा थाना के टीआई अंजन कुमार सिंह चेक पोस्ट पर बैठे हुए थे। वे मीडिया के सामने तो जरूर लोगों को बॉर्डर सील होने और आगे न जाने के निर्देश देते हुए नजर आए। लेकिन मीडिया के हटते ही वे ही लोग एमपी बॉर्डर की चेक पोस्ट पर नजर आए। कुछ ऐसी ही स्थिति चंबल नदी के इस ओर भिंड जिले की सीमा में लगे चेक पोस्ट पर नजर आई। 


जहां पुलिस का कोई वरिष्ठ अधिकारी तो मौजूद नहीं था। लेकिन लोगों से महज खानापूर्ति की पूछताछ के बाद उन्हें बॉर्डर पार कराया जा रहा था। खास बात तो यह थी कि एमपी सीमा में आने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच पल्स मीटर से की जा रही थी। लेकिन उसे लगातार सेनेटाइज नहीं किया जा रहा था। जब इस संबंध में भास्कर टीम ने सवाल किया तो उनका कहना था कि हर 15 से 20 मिनट बाद पल्स मीटर को सेनेटाइज किया जाता है। लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि पल्स मीटर को एक अंगुली से दूसरे व्यक्ति की अंगुली में लगाकर स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण को रोकने के बजाए बांटने का कार्य कर रहा है।


सुबह 5 बजे आए, दोपहर 12 बजे निकाला: फतेहाबाद से करीब 50 से ज्यादा श्रमिक  फूप के पास पैदल भिंड की ओर आते हुए नजर आए। इन लोगों से जब भास्कर ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वे सुबह करीब पांच बजे इटावा आ गए थे। लेकिन उन्हें बॉर्डर पर रोक रखा गया था। दोपहर करीब 12 बजे उन्हें वहां से निकाला गया। इस दौरान उन्हें कुछ खाने पीने को भी नहीं मिला। इन लोगों के मुताबिक यह लोग फतेहाबाद से पैदल ही भिंड तक आए। इनके साथ बच्चे और महिलाएं भी थी। इस संबंध में कलेक्टर छोटे सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमण की आशंका के दौर में बाहर से आने वाले लोगों में कोई बगैर स्क्रीनिंग न छूटे इस पर पूरा जोर दिया जा रहा है।



जांच: पल्स कम तो अस्वस्थ है व्यक्ति
दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के स्वास्थ्य की प्राथमिक जांच करने के लिए भिंड जिला स्वास्थ्य प्रशासन के पास उपकरणों का पहले से ही अभाव है। ऐसे में भिंड इटावा रोड पर एमपी यूपी बॉर्डर पर जांच के नाम पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को सिर्फ पल्स मीटर से बाहर से आने वाले मरीजों की जांच कर रही थी। इसके पीछे डाॅक्टरों का कहना था कि पल्स ऑक्सो मीटर से मरीज की पल्स और सांस लेने में कोई तकलीफ आदि का प्राथमिक रूप से पता चल जाता है। लेकिन यहां सबसे बड़ी लापरवाही यह देखने को मिली कि पल्स मीटर को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की अंगुली में लगाने से पहले उसे सेनेटाइज नहीं किया जा रहा था। ऐसे में कोरोना संक्रमण के रुकने के बजाए उसके फैलने की संभावनाएं ज्यादा नजर आ रही थी।


कैदी रिहा: कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार के आदेश पर जिले की लहार, मेहगांव और गोहद उप जेलों में बंद 22 कैदियों को 45 दिन की पैरोल पर भेजा गया है। गोहद उप जेल से 5 और मेहगांव जेल से 4 कैदियों को पैरोल पर घर भेजा गया है। यह निर्णय सरकार के आदेश पर लिया गया है ताकि जेल के अंदर सजा काट रहे कैदियों में यह वायरस न पहुंचे।


जांच कराने खुद पहुंच रहे लोग: कोरोना के खिलाफ युद्ध में बड़ी संख्या में लोग बाहर से आ रहे हैं। इनकी जिला अस्पताल में स्क्रीनिंग की जा रही है। स्क्रीनिंग के लिए सुबह से शाम लाइनें लगी दिखाई दे रही हैं। हालांकि स्क्रीनिंग के लिए बस स्टेंड पर भी व्यवस्था कराई गई है लेकिन सर्वाधिक लोग जिला अस्पताल ही पहुंच रहे हैं। जिले के शहरी क्षेत्र में 16 हजार 284 और ग्रामीण क्षेत्र में 5 हजार 626 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। अब तक 59 हजार लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है। सीएमएचओ डॉ. अजीत मिश्रा ने बताया कि जिले में 7 टीमों का गठन भी किया है।



नादानी: दिल्ली से बाइक से आ गए
मसूरी निवासी राजेश सिंह दिल्ली में रेहड़ी लगाने का काम करते हैं । लेकिन देश में 22 अप्रैल से हुए लॉक डाउन के बाद उनका धंधा बंद हो गया। ऐसे में उन्होंने सात दिन तो जैसे-तैसे दिल्ली में गुजारे। लेकिन जब खाने पीने के लाले पड़ने लगे तो वे अपनी पत्नी और दो छोटे बच्चों के साथ बाइक से दिल्ली से भिंड के लिए निकल पड़े। राजेश ने बताया कि वे आज सुबह चार बजे दिल्ली से रवाना हुए थे। दोपहर करीब 2.30 बजे वे एमपी चेक पोस्ट पर थे। जहां उन्हें स्वास्थ्य की जांच के लिए रोका गया था। उनका कहना था कि बाइक से आने में कई परेशानी का सामना करना पड़ा, खाने तक को बच्चे तरस गए। अब किसी तरह यहां पहुंचे तो जान आई है।


मजबूरी: ट्रकों में बैठकर कर रहे यात्रा
देश में हुए लॉकडाउन के साथ बॉर्डर पूरी तरह से सील होने के बाद यात्री वाहन पूरी तरह से थम गए हैं। ऐसे में कई लोग ट्रकों और लोडिंग वाहनों के जरिए सफर तय करते हुए नजर आए। इसके अलावा कुछ लोग तो 30 डिग्री तापमान में चिलचिलाती धूप के बीच पैदल ही अपने घर पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे थे। फतेहाबाद से ऐसे ही मजदूरों को लेकर आए लोडिंग ड्रायवर सोनू ने बताया कि वे 25 मजदूरों को लेकर दतिया जिले के लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि थाने की परमिशन होने की वजह से चेक पोस्ट से जरूर निकाल दिया गया। लेकिन रास्ते में स्वास्थ्य परीक्षण कहीं नहीं हुआ। हालांकि इस गाड़ी में बैठे लोगों की भिंड जिले की सीमा में प्रवेश करने से पहले जरूर जांच की गई।



इधर... घर से बाहर तफरी करने वाले 18 लोगों को भेजा जेल



  • घर के बाहर बेवजह तफरी करने वाले गौरव पुत्र सर्वेद यादव निवासी रमा, लवकुश पुत्र धनीराम निवासी रमा, शिवकुमार पुत्र श्रीनाथ निवासी अांबेडकर नगर, अभिषेक पुत्र शांति स्वरुप निवासी विकास नगर, गिर्राज पुत्र शिवचरण निवासी लावन, सुनील पुत्र विद्याराम निवासी यदुनाथ नगर, सोनू पुत्र वीरेंद्र निवासी वीरेंद्र नगर, दिनेश पुत्र गर सिंह निवासी दबोहा, नंदू पुत्र पृथ्वी सिंह प्रजापति निवासी गोहरा, मुकेश पुत्र मुन्नालाल शर्मा निवासी इमलिया, वीरु पुत्र लाखन सिंह निवासी कुम्हरौआ, सुरेश पुत्र रंगई निवासी पिडोेरा, सुनील पुत्र रघुवीर निवासी बबेडी, रणजीत सिंह पुत्र मुन्ना सिंह निवासी बबेडी, सतीश पुत्र रामकिशन निवासी बबेडी, आकाश पुत्र रामनाथ सिंह निवासी सीता नगर, शंभू सिंह पुत्र पंचम सिंह तोमर निवासी सोनिया, वीरु पुत्र लाल सिंह निवासी गोहरा को जेल भेजा गया है। 

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  • इसके अलावा बरासों पुलिस ने श्यामसुंदर वाल्मीकि निवासी बरोसों को बाहर घूमने, फूप पुलिस ने कस्बे में अन्नू जैन निवासी वार्ड क्रमांक 11 और देहात पुलिस ने मुकेश जाटव निवासी मिश्रन का पुरा अटेर रोड पर 188 के तहत केस दर्ज किया है । देहात पुलिस ने अटेर रोड पर कटिंग की दुकान खोलकर बैठे विजय पुत्र काशीराम गोयल निवासी हनुमान नगर, कोतवाली पुलिस ने उमेश भदौरिया उर्फ गुड्डू पर मंशा पूर्ण हनुमान मंदिर के सामने भीड़ लगाने पर, आलमपुर पुलिस ने गांगे तिराहा रोड पर विनोद पुत्र सुखपाल सिंह कुशवाह निवासी गुमानपुरा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस अफसरों ने शहरवासियों को चेतावनी दी है कि लॉकडाउन में बिलकुल घर से बाहर नहीं निकलें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। केस भी दर्ज किया जा सकता है।



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